बदलता नजरिया

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आज युग बदल चूका है और इंसान कहा-से कहा तक पहुँच चूका है, वो पुरानी सोच बदल चुकी है जहाँ पर लोग अपनी लड़कियों को घर से बाहर निकलने नहीं देते थे, लड़कियों में लड़को के मुकाबले बहुत अन्तर किया जाता था ,उनको केवल घर पर काम करने के लिए ,बच्चे सँभालने के लिए, और बस हमेशा अपने परिवार के बारे में सोचना उनका खाना-पीना और कुछ नहीं करना, बस यही तक थी एक औरत के जीवन की कहानी । लेकिन आज जहा वो ज़माना बदला है, वही लोगो की सोच भी बदली है ।

सोच बदलने लोगो के नए रास्ते पर चलने के कारण आज एक औरत को नया रूप मिला है ,वह भी अपने हक़ को अपने कर्तब्य को, अपने जीवन की शैली को समझ पाई है । उनको जीवन जीने की एक नई राह दिखाई गई है जहा पर वह मर्दो के साथ कंधे – से – कन्धा मिलाकर चल रही है ।  

यह केवल उन औरतो की सोच के कारण ही नहीं बल्कि उन लोगो के कारण हो पाया है जो किसी- न -किसी तरह से औरतो को उनका अधिकार देना चाहते है, उनको भी जीवन में ख़ुशी और संतुष्टि से जीने का अधिकार देना चाहते है। आज समाज बदला है लोगो की सोच बदली है, तो हमारी सरकार भी औरतो को उनका हक़ दिलवाने और उनको मर्दो के मुकाबले खुद-कर्मी बनाने के लिए औरतो के लिए रोजगार सेंटरों को खोल रही है ।

आज मुझे अपने इस बदलते समाज की नई सोच और औरतो के मर्दो के साथ कदम – से – कदम मिलाकर चलने की सोच उनके जज्बे पर बहुत गर्व महसूस होता है । जहा सदियों से एक औरत को केवल आदमी के पैरों की जूती समझा  जाता था, वही पर आज उनको मान-सन्मान दिया जाता है, उनको उनके अधिकार दिए गए है ।

यहाँ लोगो की सोच ही  नहीं बल्कि हमारा समाज भी बदला है, और औरतो को अपना जीवन जीने की नई राह मिली है ,जिसके चलते हुए कोई सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल, किरण बेदी,  के रूप में आज अपनी पहचान दुनिया में बना चुकी है ,अपना हे नहीं बल्कि अपने देश का भी नाम रोशन किया है ।