प्यार एक ऐसा अहसास है जिसे हर कोई महसूस करना चाहता है…प्यार एक फूल की तरह है जिसकी खुशबू चारों ओर फैल जाती है और जिदंगी को महका देती है…प्यार एक मीठा सा दर्द है जिसको महसूस करना अच्छा लगता है…प्यार एक समझ है,प्यार एक विश्वास है…कहते हैं प्यार में सामने वाला इंसान अच्छा या बुरा नहीं लगता बस वो अपना लगता है…प्यार का अहसास साथ हो, तो दुनिया की हर चीज खूबसूरत नजर आने लगती है।
कुछ लोग प्यार को सिर्फ कपल्स के आपसी रोमांस से ही जोडकर देखते हैं, जबकि प्रेम का दायरा बहुत बडा है। प्यार तो किसी भी इंसान को किसी के लिए भी प्रति हो सकता है अब चाहे वो बहन, भाई, माता-पिता का बच्चों से, दोस्त, कलीग या खुद अपने प्रति।
प्यार एक त्याग है और मां बाप से बेहतर इस शब्द की कदर कोई नहीं कर सकता…अपनी खुशियां,अपने सपनों का त्याग करके मां बाप अपने बच्चों के सपने पूरे करते हैं… जब हम बच्चे घर से बाहर होते हैं तो जो इंतजार मां की आंखों में होता है वो प्यार है…जब पापा दिन रात मेहनत करके बच्चों की ख्वाहिशें पूरी करते हैं शायद वो प्यार है…
भाई बहन के झगड़े में प्यार,दोस्तों के चिढ़ाने में प्यार,मां बाप की डांट में प्यार,…….यही तो है प्यार
प्यार तो अपने खुद के सपनों से भी होता हैै जिन्हें पाने के लिए हम दिन रात मेहनत करते हैं…और वाकई अगर अपने सपनों से प्यार नहीं हुआ तो मंजिल कैसे मिलेगी…प्यार एक ऐसा रास्ता है,जिसकी मंजिल सफलता है…
प्यार तो वो है जब एक पत्नी पूरा दिन भुखा रहकर पति की लंबी उम्र की कामना करती है…गुस्से में भी किसी का ख्याल रखना प्यार है,किसी के दुर होने पर भी पास होने का अहसास प्यार है…
प्यार का धर्म या किसी समुदाय से कोई लेना देना नहीं है…प्यार तो एक बेजुबां जानवर से भी हो सकता है…
प्यार एक आदत है,एक डर है किसी को खो देने का…चाहे वो कोई इंसान हो या आपके सपने…प्यार को शब्दों में बयां करना आसान नहीं है क्योंकि प्यार तो बस एक अहसास है…